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बालकुंज: 2013-10-06
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बालकुंज. प्यारे बच्चों. तुमसे मिलने के लिए मैंने बाल कुञ्ज. जो कहानी तुम्हें अच्छी लगे उसे दूसरों को सुनाना मत भूलना और हाँ - -मुझे भी वह जरूर बताना ।. इन्तजार रहेगा - -! भूलना मत - -. बालकुंज. बचपन के गलियारे. यथार्थ के फूल. तूलिका सदन. सोमवार, 7 अक्तूबर 2013. जातक कथा -4. Http:/ www.garbhanal.com/Garbhanal%2083.pdf. मासिक पत्रिका गर्भनाल के अक्तूबर अंक में भी इस बार पढ़िये जातक कथा -. टूटी डोर. टूटी डोर. सुधा भार्गव. सूरज की तरह चमक रहे हैं ।. प्रस्तुतकर्ता. सुधाकल्प. लेबल: अपमान. नई पोस्ट. भारत ...
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लघुकथा-वार्ता: September 2014
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लघुकथा-वार्ता. बलराम अग्रवाल के लघुकथा सम्बन्धी आलोचना व समीक्षापरक विचारों का मंच. शुक्रवार, 12 सितंबर 2014. क्या लघुकथा अपना सर्वोत्तम समय देख चुकी- उमेश महादोषी. चित्र:बलराम अग्रवाल. उमेश महादोषी:. नयी पीढ़ी के लघुकथाकार अलग-अलग कुछ अच्छी लघुकथाएं. देते रहे हैं। परन्तु अपने समग्र लघुकथा लेखन से उस तरह प्रभावित कर पाने. में सफल नहीं दिखते. जैसा उन्हें होना चाहिए या फिर जैसा आठवें दशक में. बलराम अग्रवाल. उमेश महादोषी:. जुड़े हैं. बलराम अग्रवाल. उमेश महादोषी:. होने चाहिए. बलराम अग्रवाल. बाद की...
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लघुकथा-वार्ता: February 2014
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लघुकथा-वार्ता. बलराम अग्रवाल के लघुकथा सम्बन्धी आलोचना व समीक्षापरक विचारों का मंच. सोमवार, 3 फ़रवरी 2014. रूप देवगुण से प्रश्न-बातचीत. प्रो॰ रूप देवगुण के सवालों के जवाब बलराम अग्रवाल द्वारा. चित्र:बलराम अग्रवाल. हिन्दी लघुकथा के वरिष्ठ हस्ताक्षर प्रो॰ रूप देवगुण का एक प्रश्न-पत्रक कल प्राप्त हुआ है. लेकिन बात क्योंकि. लघुकथा के पूर्ण रूप से मूल्यांकन. के मेरी ओर से उत्तर. निम्नवत हैं. 2416; आपकी प्रथम लघुकथा कब और किस समाचार-पत्र. मलयालम की चर्चित लघुकथाएँ. 8217; (1997;. 8217;(2010), ‘. 2416; आपकी...
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लघुकथा-वार्ता: July 2013
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लघुकथा-वार्ता. बलराम अग्रवाल के लघुकथा सम्बन्धी आलोचना व समीक्षापरक विचारों का मंच. गुरुवार, 18 जुलाई 2013. समकालीन लघुकथा : वर्तमान परिदृश्य / बलराम अग्रवाल. चित्र:बलराम अग्रवाल. ऐतिहासिक. हिंदी में समकालीन रचना-विधा के रूप में. इ सका अस्तित्व. गत सदी के सातवें दशक के उत्तरार्द्ध अथवा आठवें दशक के प्रारम्भ से ही माना जाता है।. विभिन्न सामाजिक व राजनीतिक दबावों. का है। यह दो मान्यताओं के टकराव का भी दौर था. इसलिए समकालीन लघुकथा का रवैया और. इ सके मुख्य सरोकार. दबावों. पात्रों. कथा-रचना व कथ&#...उनके...
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लघुकथा-वार्ता: January 2013
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लघुकथा-वार्ता. बलराम अग्रवाल के लघुकथा सम्बन्धी आलोचना व समीक्षापरक विचारों का मंच. शुक्रवार, 25 जनवरी 2013. समकालीन लघुकथा और मनोविज्ञान-1/बलराम अग्रवाल. चित्र:बलराम अग्रवाल. हानी के उद्भव पर विचार व्यक्त करते हुए सुप्रसिद्ध आलोचक डॉ॰. नामवर सिंह ने किसी कार्यक्रम में कहा था कि. 8211;‘ साहित्य के रूप केवल रूप नहीं हैं बल्कि जीवन को समझने के भिन्न. 8211; भिन्न माध्यम हैं। एक माध्यम जब चुकता दिखाई पड़ता है. तो दूसरे. 8211; यात्रा में सत्य. 8211; समय पर नए. 8211; सौंदर्य. 8211; मूल्य भी इस...8211; बक्...
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लघुकथा-वार्ता: September 2012
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लघुकथा-वार्ता. बलराम अग्रवाल के लघुकथा सम्बन्धी आलोचना व समीक्षापरक विचारों का मंच. शुक्रवार, 28 सितंबर 2012. समकालीन लघुकथा:सामान्य अनुशासन-1/बलराम अग्रवाल. दो अंकों में समाप्य लेख की पहली किस्त. चित्र :. बलराम अग्रवाल. 8216; लघुकथा. शब्द बोलते ही जो पहली प्रतिक्रिया लोगों से आम तौर पर सुनने को मिल जाती है, वह. लगभग यह होती है कि. 8216; लघुकथा-लेखक. 8216; हालात. 8217; में नरेन्द्र कोहली के लेख. 8216; विधा के जोखिम. 8216; बीसवीं सदी की लघुकथाएँ. 8216; हंस. 8216; लघुकथा. 8216; लघुकथा. 8216; हंस. 8217; ल&#...
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लघुकथा-वार्ता: October 2011
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लघुकथा-वार्ता. बलराम अग्रवाल के लघुकथा सम्बन्धी आलोचना व समीक्षापरक विचारों का मंच. कोई पोस्ट नहीं. सभी पोस्ट दिखाएं. कोई पोस्ट नहीं. सभी पोस्ट दिखाएं. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें संदेश (Atom). शिशु-स्तर से किशोर-स्तर के बालकों हेतु नौ एकांकियों और दो नृत्य-नाटिकाओं का संग्रह. प्रकाशक:भावना प्रकाशन, 109 ए, पटपड़गंज गाँव, दिल्ली-91. समकालीन लघुकथा के शास्त्रीय और. व्यवहारिक स्वरूप को. समझने के लिए एक आवश्यक आलोचना-पुस्तक. व यवह र क स वर प क. प्र॰सं॰ 2012. प्रकाशक : ग्रंथ सदन,. दिल्ली-110032,. लघुकथा...
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शख्स - मेरी कलम से: June 2011
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शख्स - मेरी कलम से. गुरुवार, 30 जून 2011. बरगद सी विशालता (अशोक आंद्रे ). अशोक आंद्रे . कथासृजन ब्लॉग http:/ wwwkathasrijan. पर जिस दिन मैं गई , मैंने पढ़ा -. आँख बन्द होते ही. एहसासों की पगडण्डी पर. शब्दों का हुजूम. थाह लेता हुआ बन्द कोठरी के. सीलन भरे वातावरण में. अर्थ को छूने के प्रयास में. विश्वास की परतों को. तह - दर -तह लगाता है. जहाँ उन परतों को छूने में , हर बार. पोर - पोर दुखने लगता है ।. कर रख न पाया . धीरे-धीरे मैं लेखन से जुड़ता...पाण्डेय जी, स्वर्ग...लेकिन पहली ब...कवितì...
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बालकुंज: 2014-05-18
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बालकुंज. प्यारे बच्चों. तुमसे मिलने के लिए मैंने बाल कुञ्ज. जो कहानी तुम्हें अच्छी लगे उसे दूसरों को सुनाना मत भूलना और हाँ - -मुझे भी वह जरूर बताना ।. इन्तजार रहेगा - -! भूलना मत - -. बालकुंज. बचपन के गलियारे. यथार्थ के फूल. तूलिका सदन. सोमवार, 19 मई 2014. अनोखी मित्रता. राजा के पास. एक हाथी था । जिसका. नाम मंगलू. वह बहुत शक्तिशाली था।. उसे खाने को. अच्छी किस्म के. चावल दिए जाते।. जिस स्थान पर हाथी चावल खाया करता वहाँ. कुछ चावल गिर. जाया करते. कर उन्हें. उसकी हाथी. मंत्री जी. की ।. इसकी एक कु...
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फूल और काँटे : April 2013
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फूल और काँटे. रविवार, 28 अप्रैल 2013. प्रतिभाशाली भारतीय विद्यार्थी. आई टी.( M.I.T,. USA) में जाने वाला. भारतीय कैम्ब्रिज छात्र. ऋषभ भार्गव. कई वर्षों पहले जब बुद्धि के धनी एक ऐसे ही बच्चे के संपर्क में आई तो पढ़ी –पढ़ाई. उस पर भी डाक्टर! डॉ राजन -डॉ रंजना. कानपुर(भारत). घर में सभी को पढ़ने का शौक! प्रथम जन्मदिन की केक कट रही है. दादी-बाबा के साथ! माँ ने अवाक होकर दूसरा पन्ना पलटा –उसने पन्ने के अनुसार फ...जब भी उससे पूछो –क्या चाहिए. केवल एक माँग—किताब! लाइब्रेरी नहीं. प्यारा बचपन. इस प्रतिभ...अगर च...