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Khwahish: March 2011
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मेरी तम्मनाये करे कब तक इंतजार कोई भी दुआ इसे गले क्यों नही लगती, अगर हो जाती मुरादें पल मैं पुरी . तो मुरादें नही ख्वाहिसे कहलाती. Monday, March 7, 2011. मै वो हु जिसे तुम प्यार किया करते थे! मैं वोही हूँ जिसे तुम प्यार किया करते थे. दिन में सो बार मेरा नाम लिया करते थे. क्या बात है .कियूं मुझ से खफ्फा बेठे हो. किया किसी और को दिल अपना दे बेठे. फासले तो पहले ना हुआ करते थे ऐसे. मैं वोह हूँ जिसपे तुम एतबार किया करते थे. मुझ को मालूम है ये गम. है कोई. सोगातनहीं. करते थे. Friday, March 4, 2011. शायद ...
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Khwahish: March 2014
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मेरी तम्मनाये करे कब तक इंतजार कोई भी दुआ इसे गले क्यों नही लगती, अगर हो जाती मुरादें पल मैं पुरी . तो मुरादें नही ख्वाहिसे कहलाती. Thursday, March 13, 2014. वो एक खत जो उस ने. कभी लिखा ही नही. मै रोज बैठ कर उसका. जवाब लिखती हु. इतना सा यकिन! अपनी महोब्बत पर सिर्फ़ इतना सा. यकिन हैं. मुजे ! मेरी वफ़ऎ उस को किसी और का. होने नही देगी ! Wednesday, March 12, 2014. एक फ़ौजी के दिल् कि बात . जब मे शहिद हो जाउ. 8220;साथी घर जाकर मत कहना,. संकेतो में बतला देना.". 8220;साथी घर जाकर मत कहना,. ना आउगा . वो ज...
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Khwahish: September 2013
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मेरी तम्मनाये करे कब तक इंतजार कोई भी दुआ इसे गले क्यों नही लगती, अगर हो जाती मुरादें पल मैं पुरी . तो मुरादें नही ख्वाहिसे कहलाती. Saturday, September 21, 2013. ऊफ़् ये कैसे वक़्त के पल आये. ऊफ़् ये कैसे वक़्त के पल आये. या है तेरी नजरो कि साजा. जो हम थे कभी तेरे दिल के ताज. कल तक थे तेरी नजरो मै चाद. वो आज किसी कबर मे दफ़न्. हो के रह गया एक सुखा सा गुलाब. Subscribe to: Posts (Atom). View my complete profile. THE CONFESSION: [A Predestined Love-Tale] Part-1. સંવેદના. Created by Crazyprofile.com.
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Khwahish: February 2011
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मेरी तम्मनाये करे कब तक इंतजार कोई भी दुआ इसे गले क्यों नही लगती, अगर हो जाती मुरादें पल मैं पुरी . तो मुरादें नही ख्वाहिसे कहलाती. Sunday, February 20, 2011. हसरत तुज़े पाने की ! टूटे हुए खवाबों में हकीक़त ढूढती हु ,. पत्थर के दिलों में मोहब्बत ढूढती हु . नादान हूँ में अब तक यह भी नहीं समझी ,. बेजान बातो में इबादत ढूढती हु . मेरे जज्बातों की कीमत यहाँ कुछ भी नहीं ,. बेईमानी के बाजारों में शराफत ढूढती हूँ . Wednesday, February 16, 2011. Jaha pe savera ho.basera wahi hai ! Thursday, February 10, 2011.
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Khwahish: July 2015
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मेरी तम्मनाये करे कब तक इंतजार कोई भी दुआ इसे गले क्यों नही लगती, अगर हो जाती मुरादें पल मैं पुरी . तो मुरादें नही ख्वाहिसे कहलाती. Tuesday, July 14, 2015. काश तुम भी तुम्हारी यादों की तरह बन जाओ. ना वक्त देखो ना बहाना, बस चले आओ. इश्क वो नही जो तुझे मेरा कर दे. इश्क वो है जो तुझे किसी और का होने ना दे. कुछ खास नहीं दास्ताने मोहब्बत मेरी. हर रात का आखरी खयाल तेरा. हर सुबह की पहली सोच तेरी. विरह इश्क की परछाई होती हैं. दावा इश्क का और भूख जिस्म की. अगर ये मोहब्बत है. तो हवस क्या है? अनजान सी व...Ethereal ...
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Khwahish: April 2015
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मेरी तम्मनाये करे कब तक इंतजार कोई भी दुआ इसे गले क्यों नही लगती, अगर हो जाती मुरादें पल मैं पुरी . तो मुरादें नही ख्वाहिसे कहलाती. Thursday, April 30, 2015. कभी आग आग. कही धुँआ धुँआ. कभी आस पास. कभी यहाँ वहां. कबी शोर हो तुम. कभी मौन हो तुम. कौन हो तुम? दर्द से गेहरे. सोच से उलझा. प्यार से नाज़ुक. नक्श तुम्हारे. ज़ेहन मै मेरे. धुंधले धुंधले. इक शब्द हो तुम. कोई सच हो तुम. या उल्ज़ा हुआ ख्याल हो तुम. कही रंगों से घुले. कभी इनकार का. कभी इंतज़ार का. कभी इकरार का. कभी तकरार का. Thursday, April 16, 2015.
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Khwahish: January 2011
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मेरी तम्मनाये करे कब तक इंतजार कोई भी दुआ इसे गले क्यों नही लगती, अगर हो जाती मुरादें पल मैं पुरी . तो मुरादें नही ख्वाहिसे कहलाती. Monday, January 17, 2011. क्या हो तुम! तुम क्या हो. मेरी मुस्कुराती शायरी के लव्ज़. हो तुम. ख्वाबों के मंज़र का खिलता गुलाब हो तुम. महक रही है फिजा भी छू कर. किसी चमन में आई वो बहार हो तुम. अधूरी है मेरी हर नज़्म तुम्हारे बिना,. मेरी ग़ज़ल का वो आखिरी अल्फ़ाज़ हो तुम. जिंदगी क हर मोड़ पर जिसे पाने की हसरत हे,. Sunday, January 9, 2011. तुम से है ! Subscribe to: Posts (Atom).
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Khwahish: June 2011
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मेरी तम्मनाये करे कब तक इंतजार कोई भी दुआ इसे गले क्यों नही लगती, अगर हो जाती मुरादें पल मैं पुरी . तो मुरादें नही ख्वाहिसे कहलाती. Tuesday, June 14, 2011. नामुमकिन सी आरजू . काश कहा होता. तुम्हे ख़ुशी चाहिए. हम दुनिया भर की दे देते,. काश तुम ने कहा होता,. ख्वाहिश पूरी करने को,. हम एक भी अरमान बाकि नहीं रखते,. कहा काश तुम ने कहा होता. तारे तोड़ लेन को,. सारा आकाश ले आते,. काश तुम ने कहा होता. प्यार करने को,. आखिरी सास तक करते,. काश तुम ने कहा होता ,. जान दे देने को,. Subscribe to: Posts (Atom).
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Khwahish: February 2012
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मेरी तम्मनाये करे कब तक इंतजार कोई भी दुआ इसे गले क्यों नही लगती, अगर हो जाती मुरादें पल मैं पुरी . तो मुरादें नही ख्वाहिसे कहलाती. Friday, February 24, 2012. मुज को जिन्दगी का ये हिस्सा आज भी समझ नहीं आता . मुज को जिन्दगी का ये हिस्सा समझ नहीं आता. क्यूँ जीता है इंसान यह फल्साफा समझ नहीं आता. कुछ तरस जाते जैन कहने को. और कुछ को कहने के मायने समज नै आते. कुछ फटे हाल सड़कों पर घुमा करते है. और कुछ को महलो मैं भी आराम नहीं आता. Subscribe to: Posts (Atom). View my complete profile. સંવેદના.
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Khwahish: April 2011
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मेरी तम्मनाये करे कब तक इंतजार कोई भी दुआ इसे गले क्यों नही लगती, अगर हो जाती मुरादें पल मैं पुरी . तो मुरादें नही ख्वाहिसे कहलाती. Saturday, April 30, 2011. नाम मेरा लेते हुए. अब वो डरता है. जो पल पल कहता था. मेरे पास कुछ नहीं है. तेरे नाम के सिवा . Thursday, April 14, 2011. ये संग्दिलों की दुनिया है,. ज़रा संभल के. चलना ग़ालिब,. यहाँ पलकों पे बिठाया जाता है,. नज़रों से गिराने के लिए! Subscribe to: Posts (Atom). View my complete profile. THE CONFESSION: [A Predestined Love-Tale] Part-1.