khel-khelmein.blogspot.com
खेलों में...: खेलों के लिए अहम् साल की खराब शुरुआत. .......
http://khel-khelmein.blogspot.com/2010/01/2010-2020-2008-21-2010-5.html
शुक्रवार, 22 जनवरी 2010. खेलों के लिए अहम् साल की खराब शुरुआत. . खेलों. खिलाडिय़ों. महत्वपूर्ण. दुनिया. प्रतिष्ठा. स्थापित. क्योंकि. दुनिया. होगें. भांति. दुनिया. चौड़ी. दिखाने. दिल्ली. बीजिंग. प्रस्तुतकर्ता. 3 टिप्पणियां:. 26 जनवरी 2010 को 11:41 pm. More or less it seems a comment to me, not a well written document or article. U could have touched the important aspects a little deeper, a little analytical. This time around the article is not satisfying. And you will be fine. उत्तर दें. के सा...राज...
khel-khelmein.blogspot.com
खेलों में...: दिल से देना होगा दिल हॉकी को .....
http://khel-khelmein.blogspot.com/2010/03/blog-post.html
शुक्रवार, 5 मार्च 2010. दिल से देना होगा दिल हॉकी को . आठ महीने पुरानी. स्टेडियम. में खेलने वाली अपनी ही टीम के. प्रदर्शन से. उनमें आधुनिक ट्रेनिंग की कमी साफ़ झलकी। कारण है. के प्रति दिल से काम न करने की भावना।. में यदि किसी रिवाइवल की इच्छा. प्रस्तुतकर्ता. 3 टिप्पणियां:. 5 मार्च 2010 को 7:56 am. Kuch karne se pehle in bade bade adhikario ko line me khada karke goli maro.jo time pe khiladio ko payment tak nahi dete aur.rashtriya khel ki dhajjiya khule aam uda rahe hai. Sabse pehle gill ki gugly karo!
khel-khelmein.blogspot.com
खेलों में...: आईपीएल संग किस ओर जा रहा है क्रिकेट
http://khel-khelmein.blogspot.com/2011/01/blog-post.html
गुरुवार, 13 जनवरी 2011. आईपीएल संग किस ओर जा रहा है क्रिकेट. इस पर वे बोले खिलाड़ियों को यह नहीं पता कि इसका कितना खराब सोशल इंपैक्ट है। इंडिया इस ट्रेंड से जिस ओर जा रहा है अब उसे कोई वापिस नहीं ला सकता।. वैसे आईपीएल या क्रिकेट के दीवानों को यह बात हजम नहीं होगी मगर यह सच्चाई है।. की शुरुआत हुई तक. प्रस्तुतकर्ता. कोई टिप्पणी नहीं:. एक टिप्पणी भेजें. पुरानी पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें टिप्पणियाँ भेजें (Atom). खेलों में. e-publishing. खेलों में. खेलों में. खेलों में. खेलप्रेमिय&...भारत तो ज...व्य...
khel-khelmein.blogspot.com
खेलों में...: सड़क पर खेलते बच्चे तो नासमझ होते है मगर....
http://khel-khelmein.blogspot.com/2010/03/blog-post_11.html
गुरुवार, 11 मार्च 2010. सड़क पर खेलते बच्चे तो नासमझ होते है मगर. या मैनेजमेंट ने कोई भी निर्णय दौरे के दौरान क्यों नहीं लिया? प्रस्तुतकर्ता. 5 टिप्पणियां:. 11 मार्च 2010 को 6:35 am. उत्तर दें. गजेन्द्र सिंह भाटी. 11 मार्च 2010 को 7:40 am. अच्छा है।. एक संक्षिप्त मगर संतुलित टिप्पणी की है तुमने।. अच्छा है।. बेहतरीन हो सकता था।. प्रशंसा.।. उत्तर दें. 11 मार्च 2010 को 7:50 am. धन्यवाद्. . . . उत्तर दें. गजेन्द्र सिंह भाटी. 11 मार्च 2010 को 7:59 am. उत्तर दें. 13 मार्च 2010 को 5:44 am. नई पोस्ट. के स&...
khel-khelmein.blogspot.com
खेलों में...: फीफा वर्ल्ड कप 2010: खेल पर कम और ऑक्टोपस पर ज्यादा बातें करते हम
http://khel-khelmein.blogspot.com/2010/07/2010.html
रविवार, 11 जुलाई 2010. फीफा वर्ल्ड कप 2010: खेल पर कम और ऑक्टोपस पर ज्यादा बातें करते हम. क्या ऐसी बचकानी हरकतों से खेल की उष्मा का ध्यान नहीं बंटता है? एक बात समझनी थोड़ी मुश्किल है कि खेलों में ऐसा क्यों होता है? इस वर्ल्ड कप में पूछा जाने वाले सबसे अहम सवाल यह नहीं वाला है कि कौनसी टीम जीती? सबसे अहम सवाल तो यह है कि हमने खेल पर कितनी बात की है? प्रस्तुतकर्ता. लेबल: fifa wc-10. 3 टिप्पणियां:. 11 जुलाई 2010 को 2:47 am. उत्तर दें. 11 जुलाई 2010 को 6:52 am. उत्तर दें. उत्तर दें. नई पोस्ट. सड़क पर ...
khel-khelmein.blogspot.com
खेलों में...: I felt I was entitled
http://khel-khelmein.blogspot.com/2010/02/i-felt-i-was-entitled.html
शनिवार, 20 फ़रवरी 2010. I felt I was entitled. अपने 13 साल के करियर में 71 बार प्रोफेशनल गोल्फ एसोशिएशन(पीजीए) टूर में जीत केपरचम के साथ गोल्फकोर्स. पर 12 बड़े मुकाबलों और 70 अन्य मुकाबलों. में चैम्यिपन बनकर यह साबित भी तो किया है। दुनिया भर में टाइगर वुड्स का नाम है और तमाम बड़े प्रायोजक. वुड्स जैसा बनने की नसीहत देते हैं।. वुड्ससे नाता तोड़ लिया।. भीतर बने रहने में. गरिमा भी। मगर यह भी नहीं भूला जा सकता है कि. एक कारण अमेरिका में पेपराजी कल्चर...प्रस्तुतकर्ता. 20 फ़रवरी 2010 को 4:00 am. प्रवì...
khel-khelmein.blogspot.com
खेलों में...: स्टेटस क्या है 50वें सचिन का...
http://khel-khelmein.blogspot.com/2010/12/50.html
मंगलवार, 21 दिसंबर 2010. स्टेटस क्या है 50वें सचिन का. प्रस्तुतकर्ता. कोई टिप्पणी नहीं:. एक टिप्पणी भेजें. नई पोस्ट. पुरानी पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें टिप्पणियाँ भेजें (Atom). खेलों में. e-publishing. खेलों में. खेलों में. खेलों में. के साथ-साथ चला जाएगा। बदलते वक्त और विश्व के साथ इस यात्रा की आलोचनात्मक अहमियत और भी बढ़ जाती है। .". एडिडास क्यों बताए, कि कौन सी हो फुटबॉल? राजा और रंक - क्रिकेट के बल्लों का सफर मोनगूज तक. खेलों के अहम साल की खराब शुर&#...खेल औजार प्रगति-स...Well, one must never ...
khel-khelmein.blogspot.com
खेलों में...: सुविधाओं से सुधरता है प्रदर्शन........
http://khel-khelmein.blogspot.com/2010/03/199-12-75-13-3-23-17-9-2006-16-7-4.html
गुरुवार, 18 मार्च 2010. सुविधाओं से सुधरता है प्रदर्शन. राजधानी. राष्ट्रमंडल. खेलों. शूटिंग. बॉक्सिंग. खिलाडिय़ों. हैं।. बेनीवाल. इंग्लैंड. फ्रैं. बग्लियनी. श्रेणी. कांस्य. विजेता. चैम्पियन. मणिपुरी. सुरंजोय. कांस्य. कांस्य. खिलाड़ी. प्रैक्टिस. प्रस्तुतकर्ता. 3 टिप्पणियां:. गजेन्द्र सिंह भाटी. 18 मार्च 2010 को 8:05 am. अब धीरे - धीरे लेखक की लेखनी में संतुलन आ रहा है।. फुटरी बात है।. सौम्यता से लिखते रहो।. उत्तर दें. 18 मार्च 2010 को 10:44 am. Http:/ discussiondarbar.blogspot.com/. नई पोस्ट. के स&#...
khel-khelmein.blogspot.com
खेलों में...: मन में कई बोझ लिए उतरेंगे दोनों प्रतिद्वदीं
http://khel-khelmein.blogspot.com/2010/02/blog-post_26.html
शुक्रवार, 26 फ़रवरी 2010. मन में कई बोझ लिए उतरेंगे दोनों प्रतिद्वदीं. पास भी अपने घर पर शेर बनने का एक. 8220;Presence of mind”. स्वतंत्र. दोनों. टीमें. विवादों. हैं।. खिलाड़ी. भत्तों. लाभों. हैं।. हालांकि. खिलाड़ी. कुंठा. खिलाड़ियों. बातें. हैं।. खिलाड़ी. 5 करोड़. खिलाड़ी. किया।. प्रस्तुतकर्ता. 1 टिप्पणी:. गजेन्द्र सिंह भाटी. 3 मार्च 2010 को 4:04 am. ये तो हो गया।. आगे क्या? उत्तर दें. टिप्पणी जोड़ें. अधिक लोड करें. नई पोस्ट. पुरानी पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. खेलों में. खेलों में. मन में बोझ ल...खेलपî...
khel-khelmein.blogspot.com
खेलों में...: सचिन तुस्सी ग्रेट हो!!!!!!!
http://khel-khelmein.blogspot.com/2010/02/blog-post_24.html
बुधवार, 24 फ़रवरी 2010. सचिन तुस्सी ग्रेट हो! क्या क्रिकेट के इतिहास में पहले कभी ऐसा हुआ है? क्या कभी ऐसा हो सकता है कि क्रिकेट के. दीवाने अपने पंसदीदा हिटर खिलाडी के बल्ले से चौके -छक्के निकलते देख खुश नहीं बल्कि उसी को कोस रहे हों? एक ऐसा समय जब भारत अपनी पारी में 400 का आंकड़ा छू रहा हो और कोई उस पर ध्यान ही न दे रहा हो? ग्वाह बना।. बल्लेबाजी करते हुए सचिन. प्रस्तुतकर्ता. 6 टिप्पणियां:. 25 फ़रवरी 2010 को 12:19 am. उत्तर दें. 25 फ़रवरी 2010 को 6:52 am. Http:/ discussiondarbar.blogspot.com/. कि ...